ज्योतिष विज्ञान क्या है ? ज्योतिष विज्ञान, सिर्फ एक अनुमान या फिर विज्ञान
ज्योतिष विज्ञान भारत की ऐसी प्राचीन विद्या है जो यह प्रमाणित करती है कि हमारे सौरमंडल में सूर्य के साथ-साथ सभी 9 ग्रहों का प्रत्यक्ष रूप से मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है | भारतीय सभ्यता में लगभग 4000 वर्ष से भी अधिक पुराना यह ज्योतिष विज्ञान आज के समय में बहुत से विद्वानों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है तो दूसरी तरह कुछ विद्वान् ज्योतिष विज्ञान के वर्चस्व को मानने से इसलिए इनकार करते है क्योंकि ज्योतिष विज्ञान(Jyotish Vigyan Kya Hai) के कोई स्पष्ट दस्तावेज नहीं है व यह इतना विस्तृत है कि ज्योतिष विद्वानों के मत आपस में ही नहीं मिलते |
ज्योतिष विज्ञान में भविष्य का अनुमान :-
एक व्यक्ति के जन्म के समय सौरमंडल में ग्रहों की स्थिति उस व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन पर प्रभाव डालती है | एक व्यक्ति की लग्न कुंडली व चन्द्र कुंडली में ग्रहों का स्थान उसके सम्पूर्ण जीवन में सुख-दुखों से जुड़ा हुआ है | ज्योतिष शास्त्र जातक की कुंडली में होने वाले ग्रहों की स्थिति से उसके भविष्य में होने वाली घटनाओं का कुछ हद तक अनुमान लगाने में सहायक सिद्ध होता है किन्तु इसका अभिप्राय यह बिल्कुल नहीं कि लग्न कुंडली में ग्रहों की स्थिति द्वारा जातक के भविष्य का पूर्ण और 100% प्रमाणित अनुमान लगाना संभव है |
हमारे सौरमंडल में सूर्य के साथ-साथ चंद्रमा व अन्य ग्रहों से निकलने वाली प्रकाश की किरणें अलग-अलग रूप में दिखाई देती है व पृथ्वी को प्रभावित करती है | प्राचीन काल से ही भारत के साथ-साथ अन्य देशों के भी विद्वानों ने इन ग्रहों के पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों से अवगत कराया है | ज्योतिष विज्ञान/(Jyotish Vigyan Kya Hai) भी अपनी गणितीय आंकड़ों से सौरमंडल के सभी ग्रहों की चाल का अध्ययन कर इनका पृथ्वी के जीवित प्राणियों पर पड़ने वाले शुभ और अशुभ संकेतों को विश्लेषण करने वाली विद्या है |
Jyotish Vigyan Kya Hai
ज्योतिष विज्ञान, सिर्फ एक अनुमान या फिर विज्ञान :-
आज के समय में ज्योतिष विज्ञान लोगों में भ्रान्ति का विषय बना हुआ है | आज का वैज्ञानिक युग जब तक पूर्ण रूप से किसी विषय को प्रमाणित नहीं कर देता तब तक विश्वास नहीं करता | ज्योतिष विज्ञान इतना विस्तृत है कि इसका पूर्ण ज्ञान किसी भी ज्योतिषाचार्य के पास नहीं है | आज तक कोई भी ज्योतिष ज्ञाता ज्योतिष विज्ञान को पूर्णरूप से नहीं समझा पाया है | ज्योतिष विज्ञान/(Jyotish Vigyan Kya Hai) के इतिहास में कोई सत्यापित दस्तावेज न होने के कारण अगल-अलग ज्योतिष जानकारों के तर्क-वितर्क में भिन्नता है | सौरमंडल का मानव जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है यहाँ तो ज्योतिष शास्त्र, विज्ञान की द्रष्टि से खरा उतरता है, किन्तु भविष्यफल को लेकर ज्योतिष विज्ञान पूर्णरूप से सही सिद्ध नहीं हुआ | इसके पीछे भी कारण है | आज के समय में ज्योतिष जानकारों ने इसे ऐसा व्यवसाय बना कर रख दिया है जो सिर्फ और सिर्फ उनके लिए लोगों में उनके भविष्य के प्रति भय की अनुभूति करा धन अर्जित करने का स्त्रोत है |
ज्योतिष विज्ञान को यदि ज्योतिष के जानकार अपने स्वार्थ को सिद्ध करने हेतु प्रयोग न करके केवल मानव हित में प्रयोग करे तो ज्योतिष मानव जीवन से उनके दुखों का निवारण करने में सहायक सिद्ध हो सकता है | ज्योतिष शास्त्र किसी भी मनुष्य की लग्न कुंडली में वर्तमान में चल रही ग्रहों की स्थिति से उसके भविष्य में होने घटनाओं की रूप-रेखा को एक हद तक समझने में कारगर सिद्ध होता है किन्तु पूर्ण भविष्य को समझ पाना ऐसी कोई विद्या या विज्ञान न हुआ है और न कभी होगा | भविष्य में क्या होने वाला है सपष्ट रूप से इसके विषय में जानकारी देने वाले ऐसे ज्योतिषाचार्य को सिर्फ और सिर्फ तुक्का मारने में पारंगत कहा जायेगा |
अन्य जानकारियाँ :-
- पितृऋण क्या है ? जन्म कुंडली में पितृऋण की पहचान कैसे करें ?
- प्रेम समस्या का समाधान
- प्रेम विवाह समस्या का समाधान
- रत्न क्या होते है ? ज्योतिष शास्त्र में रत्न का महत्व ! किस राशि के स्वामी को कौन सा रत्न धारण करना चाहिए
- मंत्र, यंत्र और तंत्र साधनाएं | मंत्र-यंत्र व तन्त्र साधनाओं के विषय में सम्पुर्ण जानकारी
- कला जादू टोना निवारण
ज्योतिष विज्ञान/(Jyotish Vigyan Kya Hai) की अधूरी जानकारी रखने वाले ऐसे ज्योतिषाचार्य न सिर्फ अपने स्वार्थ को सिद्ध करने हेतु लोगों को भय दिखाकर व्यवसाय करते है बल्कि अपनी आने वाली पीड़ी को भी ज्योतिष शास्त्र का ऐसा बिगड़ा और अनसुलझा स्वरुप देने वाले है जो भविष्य में ज्योतिष शास्त्र की छवि को और भी कलंकित करने वाला होगा |